सूरजमुखी का फूल न सिर्फ अपनी खूबसूरती के लिए जाना जाता है, बल्कि इसकी खासियत यह भी है कि यह सूरज के साथ घूमता है। अगर आप किसी युवा (छोटे) सूरजमुखी के पौधे को ध्यान से देखें, तो पाएंगे कि इसका फूल सुबह सूरज के साथ पूर्व से पश्चिम की ओर मुड़ता है और रात में फिर से पूर्व दिशा में आ जाता है। इस प्रक्रिया को हेलीओट्रॉपिज़्म (Heliotropism) कहा जाता है। लेकिन सूरजमुखी ऐसा क्यों करता है? आइए जानते हैं।
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सूरजमुखी सूरज के साथ कैसे घूमता है?
युवा सूरजमुखी के तने में ऐसी कोशिकाएँ होती हैं जो सूरज की रोशनी के अनुसार बढ़ती हैं।
- सुबह के समय, तने के पूर्वी हिस्से की वृद्धि तेजी से होती है, जिससे फूल पश्चिम की ओर झुक जाता है।
- रात में, तने का पश्चिमी हिस्सा तेजी से बढ़ता है, जिससे फूल फिर से पूर्व दिशा में लौट आता है।
यह प्रक्रिया तब तक चलती रहती है जब तक सूरजमुखी पूरी तरह विकसित नहीं हो जाता।
सूरजमुखी सूरज की ओर क्यों मुड़ता है?
1️⃣ ज्यादा प्रकाश मिलना 🌞
सूरजमुखी सूरज के साथ घूमकर अधिक सूर्य की रोशनी प्राप्त करता है, जिससे इसका फोटोसिंथेसिस (Photosynthesis) बेहतर होता है और यह तेजी से बढ़ता है।
2️⃣ मजबूत तना बनाना 🌿
लगातार घूमने से सूरजमुखी का तना और मजबूत होता है, जिससे यह हवा और अन्य मौसम के प्रभावों को झेलने में सक्षम बनता है।
3️⃣ मधुमक्खियों को आकर्षित करना 🐝
जब सूरजमुखी पूरी तरह बड़ा हो जाता है, तो यह घूमना बंद कर देता है और हमेशा पूर्व दिशा की ओर स्थिर रहता है। पूर्व दिशा में रहने से यह सुबह जल्दी गर्म हो जाता है, जिससे मधुमक्खियाँ और अन्य परागण करने वाले कीट इसकी ओर आकर्षित होते हैं। इससे फूलों में अच्छी तरह परागण (Pollination) होता है और अधिक बीज बनते हैं।
क्या सभी सूरजमुखी सूरज के साथ घूमते हैं?
नहीं, केवल युवा सूरजमुखी ही सूरज के साथ घूमते हैं। जब वे पूरी तरह से विकसित हो जाते हैं, तो उनका तना कठोर हो जाता है और वे हमेशा पूर्व दिशा की ओर स्थिर हो जाते हैं।
प्रकृति का अनोखा चमत्कार सूरजमुखी का सूरज की दिशा में घूमना प्रकृति की एक अद्भुत प्रक्रिया है। यह फूल अपनी वृद्धि और परागण को बढ़ाने के लिए इस तकनीक का उपयोग करता है। अगली बार जब आप किसी सूरजमुखी के खेत में जाएं, तो इस शानदार प्राकृतिक घटना को जरूर देखें!